यादों में तुम ना आना फिर तुम कसम ना देना।। यादों में तुम ना आना फिर तुम कसम ना देना।।
बस यूँ ही ... बस यूँ ही ...
कितना महफ़ूज़ है उनका जीवन, जिन पे माँ के साये साथ होते हैं। कितना महफ़ूज़ है उनका जीवन, जिन पे माँ के साये साथ होते हैं।
देर हो गयी बहुत अभी भी लम्हे बाक़ी हैं थाम लो, इन्हें तुम थाम लो। देर हो गयी बहुत अभी भी लम्हे बाक़ी हैं थाम लो, इन्हें तुम थाम लो।
जी चाहता है फिर से जी लूँ उन लम्हों को... जी चाहता है फिर से जी लूँ उन लम्हों को...